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Oct 11, 05:18 pm
नई दिल्ली। भारत व रूस के संयुक्त प्रयास से बनने वाली ब्रह्मोस-2 क्रूज मिसाइल का परीक्षण दिसंबर में किया जाएगा। पनडुब्बी से मार करने वाली ब्रह्मोस-2290 किमी तक मार करने में सक्षम है।
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों की मानें तो परीक्षण से भारत व रूस के संयुक्त उपक्रम से बनी ब्रह्मोस की क्षमताओं का आकलन किया जाएगा। पानी के भीतर से मार करने वाली हथियार प्रणाली को जवाबी कार्रवाई के लिए सबसे बेहतर माना जाता है।
विशेषज्ञों की राय में ब्रह्माोस को इस प्रणाली में शामिल करने से भारत की 'पहले वार नहीं' करने की नीति और अधिक मजबूत होगी।
हाल ही में भारत ने स्वदेश निर्मित परमाणु पनडुब्बी 'आईएनएस अरिहंत' को पानी के अंदर मार करने वाले हथियारों में शामिल किया था। इस साल की शुरुआत में भारत 700 किमी तक मार करने वाली और परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम के-15 शौर्य मिसाइल का सफल परीक्षण कर चुका है।
ब्रह्माोस को थल सेना और नौसेना अपने बेड़े में पहले ही शामिल कर चुकी हैं, जबकि वायु सेना इसे अपने लड़ाकू विमान सुखोई-30 एमकेआई से जोड़ने पर काम कर रही है।
Source :- http://in.jagran.yahoo.com/news/national/general/5_1_5856396/
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