विश्व बैंक ने भारत को 4.3 अरब डॉलर का कर्ज़ देने का एलान किया है. इसमें से दो अरब डॉलर भारत के सरकारी बैंकों को सुदृढ़ करने के लिए दिया गया है.
विश्व बैंक के भारत निदेशक रॉबर्टो ज़ागा ने कहा है, ``भारत को मदद करने का ये एक अहम समय है.’’
इस कर्ज़ का इस्तेमाल मुख्य रूप से आधारभूत ढांचे को बेहतर करने वाले कार्यक्रमों में होगा और साथ ही उन कंपनियों की मदद के लिए भी होगा जिन्हें कर्ज़ की ज़रूरत है.
रॉबर्टो ज़ागा का कहना था कि भारत के लिए आर्थिक मंदी का सबसे बुरा दौर शायद पीछे छूट गया हो लेकिन हालात में जो सुधार हो रहे हैं वो कितने स्थाई हैं उस बारे में कुछ कहना मुश्किल है.
उनका कहना था कि इसकी वजह है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार के जो आसार हैं वो कितने मज़बूत हैं इस बारे में भी अनिश्चितता है.
ये कर्ज़ भारत के अनुरोध पर जारी किया गया है. भारत सरकार का कहना था कि उन्हें आर्थिक मंदी से उबरने के लिए और मदद की ज़रूरत है.
बैंकिंग क्षेत्र के लिए जो दो अरब डॉलर की मदद है उससे बैंकों को पूंजी की सुरक्षा और एक ढाल प्रदान करने की बात है.
इस कर्ज़ में से एक अरब डॉलर भारत की बिजली प्रवाह प्रणाली को बेहतर करने में लगाया जाएगा.
विश्व बैंक ने इसी तरह के कर्ज़ वियतनाम, हंगरी, लाटविया और नेपाल के लिए भी जारी किया है.