Wednesday, January 27, 2010

भाषा के आधार पर रोज़गार? give ur comments

महाराष्ट्र सरकार ने फ़ैसला किया है कि टैक्सी चालकों के लिए राज्य में 15 साल के निवास के साथ-साथ मराठी बोलना, पढ़ना और लिखना अनिवार्य होगा.

सरकार के फ़ैसले के मुताबिक नए परमिट के लिए न केवल लोगों को राज्य में 15 साल के अपने निवास का प्रमाण देना होगा बल्कि मराठी की जानकारी भी साबित करनी होगी.

मुंबई के लगभग 90 हज़ार टैक्सी चालकों में से अधिकतर मराठी इसलिए नहीं जानते हैं क्योंकि वे मूलत: उत्तर भारत के हिंदी भाषी राज्यों से आए हैं.

इस फ़ैसले के बाद टैक्सी चालकों में खलबली मच गई है.

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे पिछले कुछ साल से महाराष्ट्र में हिंदी भाषियों के खिलाफ़ आंदोलन चला रहे हैं.

इसके कारण दुकानों और दफ़्तरों के बाहर भी नाम मराठी में लिखे जाने लगे हैं.

आपको क्या लगता है कि ये फ़ैसला सही है?

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SOURCE BBC NEWS